पूजा विधि
जप-पूजा-यज्ञ | मूल कीमत | 50% छुट के बाद की कीमत |
श्री दुर्गा सप्तसती पूजा | 10,000 | 5,000 |
श्री दुर्गासप्तशती संपुट पूजा | 20,000 | 10,000 |
श्री गणेश पूजा श्री विनायक चतुर्थी पूजा श्री संकष्ट चतुर्थी पूजा | 8000 | 4000 |
हनुमानजी पूजा संकट निवारण पूजा साढ़ेसाती पूजा | 8000 | 4000 |
लक्ष्मी पूजा | 5000 | 2500 |
शिव रुद्राभिषेक (पाठात्मक) (पुराणोंक्त) | 3000 | 1500 |
शिव रुद्राभिषेक (क्रियात्मक) (पुराणोंक्त) | 5000 | 2500 |
शिव रुद्राभिषेक (पाठात्मक) (वेदोक्त) | 8000 | 4000 |
शिव रुद्राभिषेक (क्रियात्मक) (वेदोक्त) | 12000 | 6000 |
श्री विष्णुनारायण पूजा | 4000 | 2000 |
श्री नाथजी(ठाकोरजी) पूजा | 4000 | 2000 |
श्री स्वामीनारायण पूजा | 4000 | 2000 |
स्पेशल श्री एकादशी पूजा | 4000 | 2000 |
किसी भी देव-देवी का अन्नकूट-स्पेशल पूजन के साथ | 21000 | 10500 |
सूर्य पूजा – जप | 19,000 | 09,500 |
चंद्र पूजा – जप | 31,800 | 15,900 |
मंगल पूजा – जप | 30,000 | 15,000 |
बुध पूजा – जप | 16,200 | 8100 |
गुरु पूजा – जप | 48,200 | 24,100 |
शुक्र पूजा – जप | 42,800 | 21,400 |
शनि पूजा – जप | 57,400 | 28,700 |
राहू पूजा – जप | 48,400 | 24,200 |
केतु पूजा – जप | 46,600 | 23,300 |
श्री गणेश याग(यज्ञ) | 34,000 | 17,000 |
नवग्रह शांति | 35000 | 17,500 |
देवी यज्ञ | 40,000 | 20,000 |
श्री विष्णु याग-यज्ञ | 50,000 | 25,000 |
श्री लघुरूद्र-यज्ञ | 50,000 | 25,000 |
श्री नवचंडी यज्ञ | 50,000 | 25,000 |
सूर्य + राहू = ग्रहण योग शांति | 32,000 | 16,000 |
सूर्य + केतु = ग्रहण योग शांति | 32,000 | 16,000 |
चंद्र + राहू = ग्रहण योग शांति | 32,000 | 16,000 |
चंद्र + केतु = ग्रहण योग शांति | 32,000 | 16,000 |
गुरु + राहू = विप्र चांडाल योग | 32,000 | 16,000 |
गुरु + केतु = चांडाल योग | 32,000 | 16,000 |
शनि + राहू = श्रापित दोष / शापित दोष | 32,000 | 16,000 |
शनि + केतु = श्रापित दोष / शापित दोष | 32,000 | 16,000 |
शनि + चंद्र = विषयोग | 32,000 | 16,000 |
मंगल + राहू = अंगारक योग | 32,000 | 16,000 |
मंगल + केतु = अंगारक योग | 32,000 | 16,000 |
काल सर्प दोष शांति | 45,000 | 22,500 |
मारुती याग (यज्ञ) | 32,000 | 16,000 |
विनायक शांति | 32,000 | 16,000 |
अशुभ जन्म दोष शांति* | 35,000 | 17,500 |
ज्येष्ठ शांति – आश्लेषा शांति* | 35,000 | 17,500 |
मुळ शांति* | 35,000 | 17,500 |
उतराफाल्गुनी दोष शांति* | 35,000 | 17,500 |
मघा दोष शांति* | 35,000 | 17,500 |
विशाखा दोष शांति* | 35,000 | 17,500 |
वैधृति शांति* | 35,000 | 17,500 |
व्यतिपात शांति* | 35,000 | 17,500 |
संक्रांति जन्म* | 35,000 | 17,500 |
यमल(जुड़वाँ) जन्म* | 35,000 | 17,500 |
त्रिक प्रसव (तीन पुत्र/पुत्री के बाद पुत्री/पुत्र का जन्म) शांति* | 35,000 | 17,500 |
एक नक्षत्र जन्म शांति* | 35,000 | 17,500 |
ग्रहण जन्म शांति* | 35,000 | 17,500 |
जन्म नक्षत्र ग्रहण शांति* | 35,000 | 17,500 |
पिडोत्पति नक्षत्र शांति* | 35,000 | 17,500 |
नक्षत्र गंडांत शांति* | 35,000 | 17,500 |
तिथि दोष शांति* | 35,000 | 17,500 |
कृष्ण चतुर्दशी शांति* | 35,000 | 17,500 |
अमावस्या शांति* | 35,000 | 17,500 |
सिनी वाली/कुहु शांति* | 35,000 | 17,500 |
दिनक्षय शांति* | 35,000 | 17,500 |
सदंत(दांतों के साथ जन्म) शांति* | 35,000 | 17,500 |
विपरीत प्राप्ति(पांव से जन्म) शांति* | 35,000 | 17,500 |
श्री शांति (यज्ञ)* | 35,000 | 17,500 |
इस के उपरांत किसी भी प्रकार का यज्ञ-पितृकार्य जैसे श्रीनारायाणबली-प्रेतबली-बबरू श्राध्ध-त्रिपिंडी श्राध्ध-भूतबली-निलोद्वाह-काकबली एवं सभी प्रकार के कर्मकाण्ड व पूजा विधि हेतु संपर्क करे… I | इनके लिए आप की जरुरत व कार्य एवं स्थल आधारित दक्षिणा निश्चित की जाएगी I |
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इस के अलावा कोई भी धार्मिक पूजा व यज्ञ हेतु संपर्क करें l यह सारी दक्षिणा ऑनलाइन की है, यदि आप अपने घर पर पूजा या यज्ञ करवाना चाहते है तो यात्रा खर्च, खाना-निवास खर्च एवं अपने घर पर पूजा या यज्ञ कि दक्षिणा खर्च अलग से होगा l ध्यान रहे: हमारे यहाँ बिना पूर्ण पेशगी कोई भी कार्य नहीं किया जाता l दक्षिणा जमा करने से पहले हिन्दी में दी गई चेतावनी-विवरण एवं गुप्तता को एक बार अवश्य ही देखे l ध्यान रहें-इन सभी दक्षिणा में कभी भी संभवित परिवर्तन हो सकता है l सभी तरह की पूजा-जप-यज्ञ आप(यजमान) के नाम-गोत्र-शाख के उच्चारण के साथ होता है l जहां-जीस पूजा में स्टार(*) का चिन्ह अंकित किया गया है वहाँ वैसे तो यजमान की अनिवार्यता महत्त्वपूर्ण ही होती है, परंतु हम इस प्रक्रिया में आप के नाम से एक कर्मकंडी-ब्राह्मण को आप के पूजन हेतु आप के प्रतिनिधि के तौर पर बिठाते है और इस प्रतिनिधि को प्रारंभ एवं अन्त में यजमान(आपसे) संकल्प करवाया जाता है l
ग्रह जप पूजन हमारे यहाँ 8 दिन को ध्यान में रख कर होते है, जैसे चंद्र ग्रह पूजा-जप सोमवार से सोमवार तक या किसी भी दिन चंद्र की होरा से आठवें दिन में पड़नेवाली चंद्र की होरा में l इस तरह सूर्य से केतु तक के सभी ग्रह जप पूजन में समजे l
इस बात का ध्यान रखे के इस कर्मकांड-पूजाविधि-ग्रह मंत्र जप-यज्ञ-शांति-या किसी भी प्रकार की पूजाविधि हम वेदोक्त-पुराणोक्त-पूर्वानुमान आधारित हमारी धार्मिक-श्रध्धा परंपरा से कर रहे है / करा रहे है I
हम यहाँ यह स्पष्ट करते है की कर्मकांड-पूजाविधि-ग्रह मंत्र जप-यज्ञ-शांति-या किसी भी प्रकार की पूजा में आप को फायदा हो या नुकशान सब आप का है; ना ही हम आप के किसी भी फायदे के लिए या किसी भी नुकशान के लिए जिम्मेदारी लेते है और नाही हम किसी भी प्रकार की गारंटी लेते है l कृपया यह शर्ते एवं हमारी बात आपको स्वीकार्य है तो ही आप दक्षिणा जमा करें, हमारी धार्मिक परंपरा एवं धार्मिक श्रध्धा आधारित हम आप की कर्मकांड-पूजाविधि-ग्रह मंत्र जप-यज्ञ-शांति-या किसी भी प्रकार की सात्विक पूजा करवा सकते है परंतु आप को इस कर्मकांड-पूजाविधि-ग्रह मंत्र जप-यज्ञ-शांति-या किसी भी प्रकार की सात्विक पूजा से आप को फायदा या नुकशान होगा ऐसा हम यहाँ कतिपय नहीं कहते है और आपसे भी विनंती है की आप भी ना समजे l
खास ध्यान रहें: पूजन की सामग्री हमारे द्वारा लिए जाने पर/खरीद करने पर, पूजा/यज्ञ प्रारंभ हो जाने पर, दक्षिणा जमा करने के 2 घंटे-यहाँ 2 घंटे पेमेंट-दक्षिणा जमा होने से/हमारें पास दक्षिणा/आर्डर फ़ीस आ जाने के बाद-अर्थात इस समय से समजे (यह समय यथोचित विचार करने की काम करवाना है या नहीं के लिए योग्य समय है) के बाद दक्षिणा किसी भी तरह से वापिस नहीं की जाएगी, अतः संपूर्ण विचार करने के बाद ही दक्षिणा जमाँ करे l किसी भी विवादित स्थिति में न्यायालय क्षेत्र मांगरोल(जूनागढ़)-गुजरात ही रहेगा l
आप को वोट्सएप या जो भी हमारे लिए सोशल मीडिया का आसान तरीका होगा इनके जरिए आपको ग्रह जप पूजा/यज्ञ/कर्मकाण्ड का आप के नाम से संकल्प फोटो/विडियो का कुछ अंश प्रारंभ/मध्य/पूर्णाहुति को करवाया/दिखाया जायेगा* l
पूजा/यज्ञ/कर्मकाण्ड हमारे वेद-पुराण-धार्मिक कर्मकांड की परंपरा एवं हमारे कुल परंपराधारित शुद्ध शास्त्रोक्त एवं पूर्वानुमान आधारित होगा l
धर्मशास्त्राधारित यह लोककथन है की यज्ञ में ब्राह्मण यजमान के बदले में यजमान का नामोच्चार करके यजमान की अनुपस्थिति में आपके अनुयाई तरीके से एक ब्राह्मण को बिठाया जायेगा; जिस के हाथों आप का यज्ञ या पूजा संपन्न की जाएगी l